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Thursday, February 11, 2016

हेडली के खुलासे से पाक बेनकाव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब बगैर किसी कार्यक्रम के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे थे तब पूरी दुनिया में उनके इस कदम की तारीफ हुई थी । अंतराष्ट्रीय कूटनीतिक सर्किल में ये संदेश गया था कि भारत ने बेहतर रिश्तों की पहल की है लेकिन उसके बाद क्या हुआ ये सबको मालूम है । पठानकोट एयरबेस पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया जिसमें पांच जवान शहीद हो गए । पठानकोट में आतंकवादी हमले के महीने भर से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है, वो भी तब जब भारत ने तमा तरह के सबूत भी दिए हैं । बीच में इस तरह की खबर आई थी कि पाकिस्तान ने जैश के ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन वो दिखावे की तरह था । पता नहीं किस तरह की कार्रवाई की गई कि पठानकोट हमले का जिम्मेदार आतंकवादी सरगना मौलाना मसूद अजहर खुले आम पाकिस्तान में घूम रहा है । पाकिस्तान लगातार इन आतंकवादी संगठनों को नॉन स्टेट एकटर्स कहकर अपना पल्ला झाड़ता रहा है लेकिन आतंकवादी डेविड हेडली के खुलासों से पाकिस्तान के तमाम दावों की धज्जियां उड़ गई हैं । मुंबई हमलों के बाद से लगातार भारत पाकिस्तान को सबूतों के डोजियर सौंप कर आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है लेकिन इतने सालों से पाकिस्तान डिनायल मोड में है । मुंबई में विदेशी नागरिकों समेत एक सौ छियासठ लोगों के कत्ल का जिम्मेदार हाफिज सईद पाकिस्तान में सामाजिक कार्यकर्ता की हैसिय़त से घूमता है । अब जब अमेरिका की जेल में पैतीस साल की सजा काट रहे आतंकवादी डेविड हेडली ने मुंह खोला है तो पाकिस्तान फिर से एक बार बेनकाब हो गया है । डेविड हेडली ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई के फंड से आतंकवादियों ने मुंबई हमले को अंजाम दिया था । डेविड हेडली ने साफ कर दिया कि मुंबई हमलों के लिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने धन तो मुहैया करवाया ही था, आतंकवादियों को विशेष प्रकार की ट्रेनिंग भी दी थी । डेविड हेडली के खुलासे के बाद एक बात तो साफ हो गई कि भारत में आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान की सेना और आईएसआई की संलिप्तता रही है । डेविड हेडली ने अपनी गवाही में साफ तौर पर कहा कि उसको हमले के टारगेट का वीडियो और फोटो लश्कर के आतंकवादी साजिद मीर के साथ साथ आईएसआई के आला अफसर मेजर इकबाल को सौंपने को कहा गया था । हेडली ने खुलासा किया है कि मुंबई हमले का ब्लू प्रिंट दो हजार छह में बन गया था । उसके मुताबिक हमले के ब्लू प्रिंट को फाइनल करने की मीटिंग में साजिद मीर, अब काफहा और मुजम्मिल मौजूद थे । उसका दावा है कि आईएसआई के कर्नल शाह, लेफ्टिनेंट कर्नल हमजा और मेजर समीर अली की टीम ने ही उसको भारत भेजा था और हमले के जगहों की रेकी करवाई थी । ताज होटल पर हमले की तैयारी के पहले एक नकली ताज होटल बनाया गया और फिर हमले की रूपरेखा बनी । हेडली का सारा खर्च भी आईएसआई ही उठाता था । हलांकि हेडली ने ये भी खुलासा किया है कि उकी पत्नी फैजा ने अमैरिकी दूतावास में हेडली के आतंकवादियों से संपर्क में होने की शिकायत की थी लेकिन अमेरिका ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की । ये भी हैरान करनेवाली बात है ।
डेविड हेडली ने खुलासा किया कि उसको दो हजार चार में गुलाम कश्मीर के मुजफ्फराबाद में लश्कर के आतंकवादी कैंप में ट्रेनिंग दी गई थी जहां मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद और जकीउर्ररहमान लखवी भी मौजूद थे । तब हाफिज सईद ने उससे कहा था कि कश्मीर की आजादी की जंग लड़नी है । उस वक्त भी हाफिज सईद और लखवी आईएसआई के अपने आकाओं की सलाह पर काम कर रहे थे । ये इस बात से साफ होता है कि एक बार ट्रेनिंग कैंप में हेडली ने सलाह दी थी कि वो अमेरिकी कोर्ट में लश्कर को आतंकवादी संगठन करार दिए जाने को चुनौती देनी चाहिए । तब लखवी ने उसके इस प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया था कि इस बारे में आईएसआई से पूछना पड़ेगा । दूसरी बात ये निकल कर आ रही है कि आईएसआई मुंबई के उस होटल में हमला करवाना चाहता था जहां देशभर के वैज्ञानिक जुटनेवाले थे लेकिन प्लानिंग में गड़बड़ी और कांफ्रेंस के रद्द हो जाने की वजह से वो अपने नापाक मंसूबों को अंजाम नहीं दे सके । इतने बड़े हमले की योजना सेना और आईएसआई के साथ मिलकर ही बनाई जा सकती है ।

डेविड हेडली के खुलासों के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार से तनाव बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है । डेविड हेडली के खुलासों के बाद पाकिस्तान लगातार दबाव में है लेकिन उसके अतीत को देखते हुए ये तय है कि पाकिस्तान डेविड के खुलासों को नहीं मानेगा । वो इन बयानों को सपोर्ट करनेवाले सबूतों की मांग करेगा जैसा कि पहले भी करता आया है लेकिन भारत को डेविड हेडली के खुलासों के बाद अंतराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को घेरने और आतंकवाद के मुद्दे पर उसको आइसोलेट करने का हथियार मिल गया है । पाकिस्तान के खिलाफ डेविड हेडली के बयानों को लेकर भारत को पूरी दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ माहौल बनाना होगा और तमाम देशों को ये बताना होगा कि पाकिस्तान में आतंकवाद की नर्सरी को वहां सरकारी संरक्षण प्राप्त है । आईएसआई और वहां की सेना आतंकवादियों के जरिए भारत में गड़बड़ी फैलाते रहे हैं । यह इस बात से भी साबित होता है कि डेविड हेडली ने अपने बयानों में बताया कि पठानकोट हमले का गुनहगार अजहर मसूद के संबंध भी सेना और आईएसआई से रहे हैं और वो उनकी बैठकों में आता रहा है । तो क्या ये माना जाए कि इस वजह से ही अबतक अजहर मसूद आजाद घूम रहा है । बिल्कुल । फ्रांस पर आतंकी हमले के बाद से पूरे यूरोप में भी आतंक के खिलाफ माहौल बना है । इस माहौल के मद्देनजर भारत को अपनी कूटनीतिक रणनीति में बदलाव करते हुए पाकिस्तान के चेहरे पर चढ़े शराफत के नकाब को हटाने होगा । वहां के दोनों शरीफ- नवाज और राहिल को आईना दिखाने का वक्त आ गया है । 

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